1222-1222-1222-1222
भरो हुंकार ऐसी, दिल्ली का दरबार हिल जाए
युवाओं कर दो कुछ ऐसा कि ये सरकार हिल जाए /१/
यहाँ जो बाँटते हैं मजहबों के नाम पे हमको
करो इक वार उनकी नफरती दीवार हिल जाए /२/
हुकूमत चीज क्या मिल कर दहाड़ो साथ में तुम तो
बुलंदी से खड़ी वो चीन की दीवार हिल जाए /३/
जवाने हिन्द गर जय हिन्द का जयघोष जो कर दें
तो डर के फौज जो सरहद के है उस पार हिल जाए /४/
~अतुल मौर्य
तारीख- 29/09/2020