ग़ज़ल -2
बह्र -
2122 2122 212
देखते ही हम नशे में खो गए
हम हवाले आप के अब हो गए //१
हम हवाले आप के अब हो गए //१
बादलों में चाँद जैसे मिलता है
आप में हम इस तरह से खो गए//२
आप में हम इस तरह से खो गए//२
देख कर जादू अदा का आप के
चाँद तारे आसमाँ में खो गए //३
चाँद तारे आसमाँ में खो गए //३
आ के आखिर तंग यादों से तेरे
पोंछ कर आंसू सिसक के सो गए //४
हैं अतुल वो आज भी जो इश्क में
लैला- मजनू , हीर - रांझे हो गए //५
~ अतुल मौर्य
14 / 04 / 2020
पोंछ कर आंसू सिसक के सो गए //४
हैं अतुल वो आज भी जो इश्क में
लैला- मजनू , हीर - रांझे हो गए //५
~ अतुल मौर्य
14 / 04 / 2020
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