जलें सब, वो जब मुस्कुरा कर चले
कहें, क्यूँ वो नज़रें उठा कर चले /१/
जो कहते थे बेटी रहे घर में ही
उन्हें बेटी ठेंगा दिखा कर चले /२/
झुका सर तो सर फिर कहाँ सर रहा
चले हम जहाँ सर उठा कर चले /३/
सफर में रहे उम्र भर इस कदर
की हम रहगुज़र को चला कर चले/४/
गज़ब थे वे भी सरफिरे लोग जो
वतन के लिए जां फिदा कर चले /५/
ज़माना हमें बस दग़ा ही दिया
'अतुल' तो है नादाँ वफ़ा कर चले /६/
© अतुल मौर्य
तारीख : 27/09/2020
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